खुशियों का हो रास्ता
खुशियों का हो गुलशन
हों फूल ख़ुशी के उसमें
खुशबू हो ख़ुशी की जिसमें
कुछ ऐसा हो इस साल
जो याद रहे सालों साल
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
2nd Jan. 02, '144'
खुशियों का हो गुलशन
हों फूल ख़ुशी के उसमें
खुशबू हो ख़ुशी की जिसमें
कुछ ऐसा हो इस साल
जो याद रहे सालों साल
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
2nd Jan. 02, '144'
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