तालियाँ तुम कमाते रहो ज़िन्दगी में
ये वादा तो नहीं मगर दिल से दुआ है
शम्मा की तरह ऊपर उठो
तेरी परवाज़ लम्बी हो और
तेरे लफ्ज़ लोगों के सीने में
जगह बनायें
तेरे अल्फाजों से
लोगों की ज़िन्दगी बदले
और वो सारी दुनिया से अल्हदा
ज़िन्दगी जियें !!
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
27th June. 05, '220'
ये वादा तो नहीं मगर दिल से दुआ है
शम्मा की तरह ऊपर उठो
तेरी परवाज़ लम्बी हो और
तेरे लफ्ज़ लोगों के सीने में
जगह बनायें
तेरे अल्फाजों से
लोगों की ज़िन्दगी बदले
और वो सारी दुनिया से अल्हदा
ज़िन्दगी जियें !!
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
27th June. 05, '220'
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