Followers

Wednesday, April 16, 2014

मेरी हर धड़कन की है तुमको कसम

मेरी हर धड़कन की  है तुमको कसम
मेरी हर सांस की है तुमको कसम

गर न आये तुम मेरे ऐ  सनम
ये दिल नाराज़ होगा मेरे ऐ सनम

आख़िरी घड़ी तक तेरा इंतज़ार करेंगे सनम
आ जाओ वरना खुद जां निकल जाएगी सनम

-  मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
5th Dec.01, '215'

No comments:

Post a Comment