तजुर्बा
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Saturday, April 26, 2014
हम सौगात की बात करते हैं,
हम सौगात की बात करते हैं
,
वो औकात की बात करते हैं
सुना है सोच को
मरम्मत की ज़ुरूरत है
---
मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी
'
29.06.2012, '278'
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