Followers

Wednesday, May 07, 2014

दर्दे उल्फ़त ने लम्हा-लम्हा तोड़ दिया

दर्दे उल्फ़त ने लम्हा-लम्हा तोड़ दिया
वो ख़ार सही मैंने ज़माना छोड़ दिया

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
19th Oct. 11, '287'

No comments:

Post a Comment