कहते हैं मुहब्बत करने वाला
अपनी प्रेयसी से
बिछड़ते वक़्त रोने लगता है
मगर
न जाने वो कौन था
न दोस्त, न भाई, न मेरी प्रेयसी
न कोई मुश्किल से मिलने वाला
फिर भी
जब हम दूर हुए
दिल में अजीब सा होने लगा
लगा मेरे पास ही रहे वो
दूर न जाए
आँखों में आंसू छलछला आए
फिर भी न समझ सका
कौन था वो ?
कौन सा रिश्ता था उससे
या तो सब रिश्ते थे
या दिल का रिश्ता था !!!!!
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
10th Nov. 04, '204'
अपनी प्रेयसी से
बिछड़ते वक़्त रोने लगता है
मगर
न जाने वो कौन था
न दोस्त, न भाई, न मेरी प्रेयसी
न कोई मुश्किल से मिलने वाला
फिर भी
जब हम दूर हुए
दिल में अजीब सा होने लगा
लगा मेरे पास ही रहे वो
दूर न जाए
आँखों में आंसू छलछला आए
फिर भी न समझ सका
कौन था वो ?
कौन सा रिश्ता था उससे
या तो सब रिश्ते थे
या दिल का रिश्ता था !!!!!
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
10th Nov. 04, '204'
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