हर वक़्त ख्याल है तुम्हारा
मेरा दिल घर है तुम्हारा
ये क्या सोचते हो शब भर
मेरे आस पास जो भी बिखरा है
वो सब कुछ है में जां तुम्हारा
ये ज़िन्दगी ये बंदगी
ये रौशनी ये ताजगी
ये हवाएं ये फिजायें
सुनाती हैं जो तेरी सदायें
मेरे दामन में जो कुछ पड़ा है
वो सब कुछ है मेरी जां तुम्हारा
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
15th Jun. 02, '216'
मेरा दिल घर है तुम्हारा
ये क्या सोचते हो शब भर
मेरे आस पास जो भी बिखरा है
वो सब कुछ है में जां तुम्हारा
ये ज़िन्दगी ये बंदगी
ये रौशनी ये ताजगी
ये हवाएं ये फिजायें
सुनाती हैं जो तेरी सदायें
मेरे दामन में जो कुछ पड़ा है
वो सब कुछ है मेरी जां तुम्हारा
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
15th Jun. 02, '216'
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