अजीब इत्तेफाक
अजीब बात
नए दर्द की सालगिरह
और
किसी और की मुबारकबाद
वो चर्चे नहीं, वो यादें नहीं
वो हम नहीं, वो तुम नहीं
तुम्हारे दिल में कुछ ख्वाब और
मेरे दिल में कुछ खयालात
शायद
वो वक़्त ही अजीब था , जब
मेरे पास एक नहीं
थे सौ-सौ सवालात
मगर
'हाँ' कहती हुयी 'न' नहीं
थमी सी ज़िन्दगी रुकी सी ज़िन्दगी
हाय! वो नए दर्द की चर्चा नहीं !!
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
16 th Oct. 03, '176'
अजीब बात
नए दर्द की सालगिरह
और
किसी और की मुबारकबाद
वो चर्चे नहीं, वो यादें नहीं
वो हम नहीं, वो तुम नहीं
तुम्हारे दिल में कुछ ख्वाब और
मेरे दिल में कुछ खयालात
शायद
वो वक़्त ही अजीब था , जब
मेरे पास एक नहीं
थे सौ-सौ सवालात
मगर
'हाँ' कहती हुयी 'न' नहीं
थमी सी ज़िन्दगी रुकी सी ज़िन्दगी
हाय! वो नए दर्द की चर्चा नहीं !!
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
16 th Oct. 03, '176'
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