तजुर्बा
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Friday, April 25, 2014
दिल उखड़ा - उखड़ा सा है
दिल उखड़ा - उखड़ा सा है
जी उदास है
कुछ है कहीं ऐसा
जो नहीं मेरे पास है
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी
11th July, 12, '272'
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