प्यार पाने का नहीं खोने का नाम है
ज़िन्दगी अहसास नहीं जीने का नाम है
हर इक दर्द समा जाए रगों में लहू की तरह
इजहारे ग़म तो नाशुक्री जताने का नाम है
उफ़ ये हिज्र की रातें और दिल की जलन
हर इक करवट में उस दीवाने का नाम है
निगाहों का फलसफा क्या पूछते हो 'अजनबी'
ये तो दिल की सिलवटें जताने का नाम है
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
20th Aug. 02, '166'
ज़िन्दगी अहसास नहीं जीने का नाम है
हर इक दर्द समा जाए रगों में लहू की तरह
इजहारे ग़म तो नाशुक्री जताने का नाम है
उफ़ ये हिज्र की रातें और दिल की जलन
हर इक करवट में उस दीवाने का नाम है
निगाहों का फलसफा क्या पूछते हो 'अजनबी'
ये तो दिल की सिलवटें जताने का नाम है
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
20th Aug. 02, '166'
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