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Wednesday, April 09, 2014

ऐसी प्यारी- मेरी माँ है

खुद ग़म को सह के
हमको ख़ुशी देती है
ऐसी प्यारी- मेरी माँ है
मेरे दिल की धड़कन हो  जैसे
 ऐसी प्यारी- मेरी माँ है

गुलशन में हों जैसे फूल
दुनिया में ऐसी मेरी माँ है
है फूल की जो महक
ऐसा उसका प्यार है
फलक का कोई सितारा हो जैसे
ऐसी प्यारी- मेरी माँ है

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
2nd Jan. 02, '143'

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