नई उम्मीदों
नई तमन्नाओं
नई ख्वाहिशों के संग
नए जोश के साथ
नए शहर की
नयी दुनिया में
नए आग़ाज़ के
नए अंदाज में
खूबसूरत अंजाम के लिए
एक नया सफ़र
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
3rd Nov. 01, '148'
नई तमन्नाओं
नई ख्वाहिशों के संग
नए जोश के साथ
नए शहर की
नयी दुनिया में
नए आग़ाज़ के
नए अंदाज में
खूबसूरत अंजाम के लिए
एक नया सफ़र
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
3rd Nov. 01, '148'
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