Followers

Thursday, April 10, 2014

कुछ इस तरह सोचो मेरे बारे में

कुछ इस तरह सोचो मेरे बारे में
लोगों को खबर न हो अपने बारे में

तू   मुझे देखे और मैं तुझे देखूं
समाये हों हम दुनिया के नज़ारे में

या ख़ुदा प्यार के दरिया को ऐसा मोड़ दे
हम दोनों हों दरिया के हर किनारे में

बस इतना हौसला बुलंद कर ऐ 'अजनबी'
न जरूरत हो किसी की तेरे सहारे में

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
3rd May .01 '150'

No comments:

Post a Comment