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Thursday, April 10, 2014

मेरे काजल ने तुमको पुकारा है

मेरे काजल ने तुमको पुकारा है
मेरी पायल ने तुमको पुकारा है
मेरे महबूब आ भी जाओ
मेरे जिस्मों जां ने तुमको पुकारा है

मेरी हर सांस तुमको पुकारती है 
मेरी हर अदा तुमको पुकारती है 
मेरे दिल के मालिक आ भी जाओ 
मेरे लव , मेरे आरिज ने तुमको पुकारा है 

दिल बहलता नहीं खुद के मनाने से
न उल्फत का कोई नग़मा सुनाने से
मेरी ज़िन्दगी के सहर आ भी जाओ
रात के हर पहलू ने तुमको पुकारा है

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
2nd Apr. 02, '155'

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