Followers

Wednesday, April 09, 2014

कुछ और आशआर -0

1. तुम धरती के माफिक, मैं गगन के नुमा
    इस जहां में रहे बस तेरा और मेरा ही बयां

2. जब थे अकेले
तो सोचते थे कब होंगे दुकेले
आज जबकि हो गए दुकेले
तो रोते हैं अकेले

3.  नहीं पी है मैंने शराब
फिर भी मैं नशे में हूँ
शायद ये नशा प्यार का नशा है

4. जितने सावन गुजर गए
वो तो सारे निकल गए
पर आ रहा है जो अब
इसे याद रखना हमेशा -हमेशा

5. मैं हूँ एक डोरी की तरह, तू है पतंग के सामान
 बस ऐसे ही पकड़े रहें हम दोनों एक दूसरे की कमान

6. हम चाहते हैं सिर्फ तुम्हें
 अब साथ निभाने से इनकार मत करना

7. उसका सनम उसे ले जाएगा अपने साथ
पर , अजनबी यूँ ही देखता रहेगा

8. ख़ुशी -ख़ुशी से दिन बीते और ख़ुशी-ख़ुशी से रात
पर पल-पल याद रखना मेरी हर बात

9. अजनबी से मिलकर
अजनबी भी
हो जाते हैं दोस्त
ये तो क़िस्मत है उनकी
जो, मेरे साए में हैं

10. न ही मुझे है भूख और न ही प्यास
       है अगर तो सिर्फ तेरी ही आस

11.वो बचपन की बातें करके कभी याद
      आती होगी जरूर आपको मेरी याद

No comments:

Post a Comment