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Friday, April 04, 2014

मुद्दत बीत गयी



एक मुद्दत बीत गयी
उनको देखे हुए
मगर अब भी
मौजूद है
वो मुस्कराहट
मेरी आँखों में
मुस्काये थे
मुझे देखकर
जो कभी .
-    - मुहम्मद शाहिद मंसूरी “अजनबी”
23rd Jan. 02 ‘140’

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