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Thursday, April 10, 2014

कुछ अशआर -7

1. मैं तो तुम्हें इक पल भी भुला न पाऊंगा
    पर, तुम मुझे न भूल जाना यार
  ज़िन्दगी के सफ़र में तुम्हीं तो हो
जिसे चाहा है मैंने , मैंने ............

2. लवों को अपने हिला दो
   उल्फत का चमन महका दो
  अपनी आवाज़ से मुझे बुला दो
फिर सारी दुनिया भुला दो

3. जानकार हाले -दिल तुम्हारा
  जान गया हाले दिल अपना
  इक सांस में कह दूँ  सारा प्यार
  बस यही है अब मेरा सपना

4.  चाहे हो सुबह या
    हो चाहे प्यारी शाम
     जुवां पे आये कोई लफ्ज़
  तो आये मेरा ही नाम

5. गर होगा रब को मंजूर
तो मुलाक़ात होगी जरूर
ऐसा है मेरा यकीं और ऐसा विश्वास
कभी न कभी होंगे जरूर आपके पास

6. हम तुमसे जुदा न हों
   तुम हमसे जुदा न हो
  खुदा करे ऐसा कभी न हो

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
1st Dec. 1999

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