यहाँ आदमी की नहीं ओहदे की कीमत होती
है
ज़िंदगी की ख़ुशी से नहीं ग़मों से जीनत होती है
देखने मैं हर एक इन्सान अच्छा लगता है
मगर बात ये है कैसी उसकी सीरत होती है।
देखने मैं हर एक इन्सान अच्छा लगता है
मगर बात ये है कैसी उसकी सीरत होती है।
- शाहिद " अजनबी "
28.12.07, '340'
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