उसने बात कुछ ऐसी कह दी, पूरे घर से
ज़माना ख़फा हो गया
वो उसकी अपनी बातें हैं
जाने क्यूँ ज़माना ख़फा हो गया
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
26th Oct., 11, '289'
ज़माना ख़फा हो गया
वो उसकी अपनी बातें हैं
जाने क्यूँ ज़माना ख़फा हो गया
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
26th Oct., 11, '289'
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