शराब- शराब करता है
मुहब्बत कर के देख
नशा खुद-ब-खुद समझ जायेगा
पैमाने उठाता है गिराता है
सफ़रे इश्क़ में चल
सुरूर के मायने समझ जायेगा
ये क्या धुंए में ज़िन्दगी उड़ाने की बात करता है
राहे उल्फत में चल
ज़िन्दगी का मक्सद समझ जायेगा
मुहब्बत कर के देख
नशा खुद-ब-खुद समझ जायेगा
पैमाने उठाता है गिराता है
सफ़रे इश्क़ में चल
सुरूर के मायने समझ जायेगा
ये क्या धुंए में ज़िन्दगी उड़ाने की बात करता है
राहे उल्फत में चल
ज़िन्दगी का मक्सद समझ जायेगा
-- शाहिद "अजनबी "
20.04.2012, '325'
No comments:
Post a Comment