मुहब्बत अहसासों की कहानी है, जज़्बातों की रवानी है
साक़ी आज खुल के पीने दे, हर रिंद को सुनानी है
साक़ी आज खुल के पीने दे, हर रिंद को सुनानी है
तुम्हें हो न हो भरम, ये तो आनी जानी है
ज़िन्दगी का फ़साना, मेरी ज़ुबानी है
दुनिया जिसे कहती है मामूर दिल
कुछ नहीं इक कश्ती की कहानी है
- शाहिद "अजनबी"
22.11.2011, '322'
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