ज़माने के आज के दौर को दो लायनों में
लिखने की कोशिश -
"वक़्त ने हालात ने
इतने डर बैठा दिए
जब भी फ़ोन करूँ
उधर से
"क्या हुआ" की आवाज़ आती है"
- शाहिद "अजनबी"
"वक़्त ने हालात ने
इतने डर बैठा दिए
जब भी फ़ोन करूँ
उधर से
"क्या हुआ" की आवाज़ आती है"
- शाहिद "अजनबी"
27.01.2014, '327'
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