तजुर्बा
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Wednesday, May 07, 2014
वक़्त-वक़्त की बात है प्यारे
वक़्त-वक़्त की बात है प्यारे
कभी ज़िन्दगी हमसे हारी
कभी ज़िन्दगी से हम हारे
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
20.09.13, '300'
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