शुकराना ख़ुदा का न भूल जा
ए मुसाफिर ! तू तकब्बुर भूल जा
दूर बहुत दूर तलक जायेगा
आईने से बातें करना भूल जा
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
30.1०.13 , '318'
ए मुसाफिर ! तू तकब्बुर भूल जा
दूर बहुत दूर तलक जायेगा
आईने से बातें करना भूल जा
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
30.1०.13 , '318'
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