रिश्तों को हम निभाएंगे, रस्मों को हम निभाएंगे
मगर तुमसे बिछड़कर जिंदा न हम रह पाएंगे
हर किसी से अपने को जुदा कर लेंगे
मगर अपने को तुमसे अलग न कर पाएंगे
सिखाई है तूने मुझे सिर्फ वफ़ा
अब तुझसे बे वफाई न कर पाएंगे
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
'69' 16th Feb. 2000
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