हम तो ऐसे न थे सनम
तुमने मुझे ऐसा बनाया
दुनिया से किया अनजाना
देकर अपने प्यार का अफसाना
चाहते हो अब क्या लेना
जरा जल्दी से बताना
दे दिया है दर्दे दिल
ले लिया है चैने दिल
अब क्या दूँ मैं तुझे
ले लो , बस ले लो अब मुझे
न रहें अब हम "अजनबी"
हो जाएँ अब एक और बस एक !
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी"
'63' 9th June, 2000
bhaut bhaut hi acchi kavita....
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया सुषमा जी.. जो आपने मेरी नज्मों को सराहा ...
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