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Thursday, August 18, 2011

बहना के लिए

कहता है भैया आपका कुछ आज
करता है बहना तुझे आज याद
टूटे ये बंधन दोस्ती का
यूँ ही जुड़ा रहे ये रिश्ता खुशी का
आये ग़म एक भी आपके पास

खुशियाँ आयें लाख बार
आये कभी खिज़ां का मौसम
रहे हमेशा बहारों का मौसम
बस यही ख्वाहिश है एक "अजनबी" की
अपनी प्यारी बहना के लिए- बहना के लिए !
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
21st, Apr., 2000, '57'

1 comment:

  1. bhut hi pyara likha hai sir aapne.......... bhut hi pyari lines hai sir, dil ko chhu jane wali .. bhut hi pyara sir.........

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