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Saturday, August 13, 2011

ऐसा आखिर क्यों ?

किताबों में ढूँढा
लेखकों से पूछा
आसपास तलाशा
प्रेमियों से मिला
दिल के पास गया
मन से जवाब माँगा
इस सवाल का-
कि
दुश्मन है दुनिया क्यों
प्यार करने वालों की
लाख जतन करने पर भी
हासिल हुआ यही कि
दुनिया है बड़ी
बेरहम, बे- मुरब्बत
ही समझती है ये
प्यार और ही
प्यार करने वालों के जज़्बात
इसकी नज़र में तो
प्यार एक गुनाह और
सिर्फ गुनाह है
लेकिन क्यों
नहीं बताया ये किसी ने
दिल ने मेरे फिर कहा कि
ऐसा आखिर क्यों?

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी'
12nd Aug, 1999, '53'

2 comments:

  1. सच ही है ..नहीं मिलता इस बात का जवाब

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  2. प्यार एक गुनाह और
    सिर्फ गुनाह है
    लेकिन क्यों
    मुश्किल सवाल ......

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