तुझको निहार लूँ
पलकों पे बिठा के
दिल में सजा लूँ
फिर तुम न जाना कभी
मुझसे दूर हो के !
गालों को छू के
होठों को चूम लूँ
तेरे चेहरे को हाथों में लेके
अपनी गोद में रख लूँ
फिर तुम न जाना कभी
मुझसे दूर हो के !
होठों को चूम लूँ
तेरे चेहरे को हाथों में लेके
अपनी गोद में रख लूँ
फिर तुम न जाना कभी
मुझसे दूर हो के !
आँखों को मिला के
जी भर के देख लूँ
अब करके थोड़ा प्यार
नशे में झूम लूँ
फिर तुम न जाना कभी
मुझसे दूर हो के !
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
1st July, 1999, '43'
No comments:
Post a Comment