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Thursday, May 08, 2014

वक़्त ने हालात ने




ज़माने के आज के दौर को दो लायनों में लिखने की कोशिश -

"वक़्त ने हालात ने
 इतने डर बैठा दिए
जब भी फ़ोन करूँ 
उधर से 
"क्या हुआ" की आवाज़ आती है"

- शाहिद "अजनबी"
27.01.2014, '327'

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