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Thursday, May 08, 2014

यहाँ आदमी की नहीं



यहाँ आदमी की नहीं ओहदे की कीमत होती है
ज़िंदगी की ख़ुशी से नहीं ग़मों से जीनत होती है

देखने मैं हर एक इन्सान अच्छा लगता है
मगर बात ये है कैसी उसकी सीरत होती है।

- शाहिद " अजनबी "
28.12.07, '340' 

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