तजुर्बा
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Thursday, May 08, 2014
ख़ुशी
आज मुझे आसमान भर खुशी मिली।
जिसमें मैं और सिर्फ़ मेरा शाहिद नज़र आए मैं हमेशा यही चाहूंगी....
काश खुदा ऐसा कर दे।
- रुबीना फातिमा "रोज़ी"
10.08.09, '346'
( मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी')
(कानपुर में लिखा गया रोज़ी के साथ)
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