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Saturday, May 31, 2014

ऐ दोस्त !

ऐ दोस्त !

चल छोड़ यार
कहीं और चलते हैं
सियासत से दूर
बरगद की छाँव में
बचपन के गाँव में

दौड़ते- दौड़ते लग जाए
फिर कोई काँटा
और निकालने को आये
मेरा सबसे अजीज़ यार

- शाहिद 'अजनबी'


14.05.14, '359'



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