Followers

Thursday, May 08, 2014

काश तुम्हें भूल पाते

काश तुम्हें भूल पाते
खुद को मशगूल पाते

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी'
30.01.13 '352'

No comments:

Post a Comment