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Tuesday, May 06, 2014

शक्ले हंसी में ग़म दिखाई देते हैं



शक्ले हंसी में ग़म दिखाई देते हैं  
वो लाख छुपाये सब दिखाई देते हैं

वो इतनी जोर से हँसता है  
कि सारे ग़म सुनाई देते हैं

झूठ बोलने का हुनर कोई उनसे सीखे  
जाने क्यूं बेवजह सफाई देते हैं

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी' 

17th Jan. 12 , '283'

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