तजुर्बा
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Wednesday, May 07, 2014
कूए यार से गुजर हो गया
कूए यार से गुजर हो गया
मेरी यादों के चराग जल गए
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी 'अजनबी' '
18.02.11, '297'
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