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Tuesday, April 26, 2011

करीब

ये ज़मीं ये आसमां
ये सितारे
मांगते हैं तुम्हें
क्योंकि
चाहते हैं हम तुम्हें
नज़र कहती है मेरे पास आओ
दिल कहता है मेरे करीब आओ
पर न जाओ तुम किसी के पास
आ जाओ बस मेरे और मेरे पास

नज़रें से नज़रें मिला लो
दिल से दिल को मिला लो
करें फिर कुछ प्यार की बातें
छोड़ कर दुनिया की बातें
याद करें अब वो रातें
जब होता था मेरा चेहरा
तुम्हारे इन हसीं हाथों में

और मैं खो जाता था वहां
नहीं पहुँच सकता कोई जहाँ
लेकिन
जल्दी करो इस दूरी को दूर
बिन तेरे गुजारी रातों को
कर दो अब चूर - चूर

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"

'17' 15th Apr. 1999

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