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Thursday, June 17, 2010

मुल्क

ये प्यारा प्यारा मुल्क हमारा
हमको है ये सबसे प्यारा

जो खींच रहा है बार बार
मुझे अपनी ओर!

सच तो ये है की इसमें
ऐसे ऐसे हैं नज़ारे
जिनकी तारीफ करना
मेरे बस से है बाहर

इसके लहलहाते खेत
उसमें सरसों के फूल

मन को भा जाते हैं ऐसे
कि दिल करता है
इन्हें और बस इन्हें देखो

इसमें बसने वाली वो नारी
जिसके हाथों में कंगन
और माथे पर बिंदिया
यही होती है उसकी निंदिया
i.e. this is my India !!

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
23rd , Apr. 1999 '2'

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