ये दिल तो अब अमानत है तेरी
इस पर लिखा बस तेरा नाम है
इसे चाहना , न चाहना
इसे हँसाना , रुलाना
अब तो तुम्हारा काम है
इसे सोचना, न सोचना
इसे देखना, न देखना
अब तो तुम्हारा काम है
रखो इसे दिल के करीब या मन के पास
अब तो ये तुम्हारा काम है
मुझे जो करना था मैंने कर दिया
तुझे जो निभाना था तूने निभा दिया
मेरा जो अपना था मैंने वो दे दिया
अब इसे संभालना तुम्हारा काम है
मेरे पास नहीं है अब कुछ
दे दिया मैंने सब कुछ
इसे मुहब्बत और प्यार करना
अब तो तुम्हारा काम है
इसे नहीं याद अब किसी का नाम है
इसके तो होठों पर सिर्फ तेरा नाम है
अब रही सही कारीगरी करना
तुम्हारा काम है, तुम्हारा काम है
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
'20' 23rd Apr., 1999
WAH SIR .......,ANDAAJ KO BAYA KARNA KOI AAP SE JASBAATO KO KALAM KE SHAAHE SE SHABDO KO
ReplyDeleteDHALNA TO KOI AAP SE SHIKHE .........WAH SIR ............................................ANKIT TRIPATHI
bahut achha sandesh deti hui rachna , badhai
ReplyDeleteवाह... बेहतरीन!
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर , बहुत ही कमाल ..। लिखते रहिए शुभकामनाएं
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