जब से प्यार हुआ है तुमसे
नहीं लगता दिल, दुनिया से
भूल गया मैं ये दुनिया
भूल गया मैं ये जहां
मेरी दुनिया बस तुम हो
मेरा जहाँ बस तुम हो
मेरी हर तमन्ना तुम हो
मेरी हर ख़ुशी तुम हो
जब से प्यार हुआ तुमसे
नहीं लगता दिल बहारों से
मेरी हर बहार तुम हो
मेरा हर चमन तुम हो
कली का खिलना तुम हो
फूलों का मुस्कुराना तुम हो
- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
18th Apr. 2000, '76'
सुन्दर रचना....
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