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Friday, November 04, 2011

कुछ अशआर- 5

1.मेरे दिल में है इक दर्द
है मलहम जिसकी तू

2. हमें मिटाने वाले मिट जायेंगे
हम तो सितारा बनकर दुनिया को चमकाएंगे

3. तन्हा होते हुए भी तन्हा नहीं
तेरी यादों के साथ हूँ तेरे साथ नहीं

4. कह दो मन के मीत से मन की बात
कहीं मन में ही रह जाये

5. इश्क़ को कब कौन रोक पाया है
हर किसी ने हर किसी से इसे जुदा पाया है
मिटाने की कोशिश की है जिसने इसे
खुद को उसने फना पाया है

6. मुहब्बत से जोड़ा है जो नाता
तो दामन छुड़ा सकता नहीं
जाँ लुटा सकता हूँ मगर
कदम हटा सकता नहीं

7. मैं वो परिंदा नहीं
जो उड़कर चला जाऊंगा
दिल में जो बैठा हूँ
तो उड़ाकर ही ले जाऊंगा

8.दिल के क़रीब, मन के पास
यादों के आईने में रहने वाले

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
24th May, 2000

2 comments:

  1. बहुत खूब ... सभी शेर एक से बढ़ कर एक

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  2. May GOD fulfill all ur dreams n u will always be very happy sir .............

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