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Monday, November 14, 2011

प्यार करना चाहता हूँ तुम्हें

प्यार करना चाहता हूँ तुम्हें
सारी दुनिया से छिपाकर
दिल में बसाना चाहता हूँ
हर नज़र से बचाकर

हर घड़ी आँखों से अपनी
देखना चाहता हूँ तुम्हें
अपने प्यार का आँचल उढ़ाकर

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
12nd June 2000, '88'

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