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Thursday, August 25, 2011

किसी से तुझे प्यार हो गया

कहाँ गया वो भोलापन
कहाँ गयी वो सादगी
हो गया तू तो अब ज़िन्दगी से बेखबर
नहीं है तुझे तो अब अपनी खबर
किसी से तुझे प्यार हो गया

खो गए हो तुम अपने में
डूब गए हो तुम सपने में
बना ली है ख्वाबों की दुनिया
बना लिया है उसकी बातों का महल
किसी से तुझे प्यार हो गया

फूलों से करते हो बातें
बूंदों से करते हो प्यार
रहते हो अब तुम तन्हाईयों में
हो गए हो सारी दुनिया से "अजनबी"
और अपनों से अनजाने
किसी से तुझे प्यार हो गया

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"

'66' 3rd Jan, 2000


2 comments:

  1. really very interesting thought sir...........great....

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  2. बहुत ही अच्छी और प्यारी रचना....

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