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Friday, August 12, 2011

अम्बर से ऊँचा

सागर से गहरा
अम्बर से ऊँचा
आंधी से तेज़
निशा से गहरा
सादिक से सफ़ेद
फूलों से सुन्दर
शबनम से नम
साँसों से गरम
सबसे जुदा
सबसे अलग
ऐसा मेरा यार है
ऐसा मेरा प्यार है
हाँ- हाँ
यही मेरा प्यार है !

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"
12nd Aug., 1999, '52'

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