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Thursday, May 12, 2011

खुशियों से दामन भरा रहे

तू हमेशा खुश रहे
मेरे पास रहे चाहे किसी
और के पास रहे
दूर-दूर रहें ग़म और
खुशियों से दामन भरा रहे

आँखें तुम्हारी नम हों
दिल में आये मलाल
बस खुश रहो तुम हर हाल

होठों पे हंसी रहे
चेहरे पे ख़ुशी रहे
मन तुम्हारा हमेशा
खिला-खिला रहे

बाहें तुम्हारी खुली- खुली रहें
बस ऐसे ही ज़िन्दगी तुम्हारी
कटती रहे- कटती रहे
क्योंकि
तुम्हें ऐसे देखकर
"अजनबी" भी खुश रहे

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"

'28' 16th May, 1999

3 comments:

  1. wah sir ji.....kamal kar diya aapne ......pahele to aapka tahe dil se samaan karte the ......par aab aapke fan bhe ho gaye he..............autograph dege na................ANKIT TRIPATHI....

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  2. salam hai sir ji apki nazm ko or apki mohabbat ko.......

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