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Sunday, May 01, 2011

तुम्हारा काम है

ये दिल तो अब अमानत है तेरी
इस पर लिखा बस तेरा नाम है
इसे चाहना , चाहना
इसे हँसाना , रुलाना
अब तो तुम्हारा काम है

इसे सोचना, सोचना
इसे देखना, देखना
अब तो तुम्हारा काम है
रखो इसे दिल के करीब या मन के पास
अब तो ये तुम्हारा काम है

मुझे जो करना था मैंने कर दिया
तुझे जो निभाना था तूने निभा दिया
मेरा जो अपना था मैंने वो दे दिया
अब इसे संभालना तुम्हारा काम है

मेरे पास नहीं है अब कुछ
दे दिया मैंने सब कुछ
इसे मुहब्बत और प्यार करना
अब तो तुम्हारा काम है

इसे नहीं याद अब किसी का नाम है
इसके तो होठों पर सिर्फ तेरा नाम है

अब रही सही कारीगरी करना
तुम्हारा काम है, तुम्हारा काम है

- मुहम्मद शाहिद मंसूरी "अजनबी"

'20' 23rd Apr., 1999

5 comments:

  1. WAH SIR .......,ANDAAJ KO BAYA KARNA KOI AAP SE JASBAATO KO KALAM KE SHAAHE SE SHABDO KO
    DHALNA TO KOI AAP SE SHIKHE .........WAH SIR ............................................ANKIT TRIPATHI

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  2. bahut achha sandesh deti hui rachna , badhai

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  3. वाह... बेहतरीन!

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  4. बहुत ही सुंदर , बहुत ही कमाल ..। लिखते रहिए शुभकामनाएं

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